स्वतन्त्रता???

अभी सुबह का एक अख़बार उठाया तो नज़र एक लेखिका के लेख पर मच रहे विवाद के बारे में पढ़ा नाम नही लूंगा लेकिन लेखिका अपने उस लेख में कहती है की "पाकिस्तान  एक कटररपंती देश है और और वहा औरतो की स्वतन्त्रता खतरे में है" अब आप ऐसा लिखने की वजह जान लीजिये वो ये है की औरतो को शादी से पहले सेक्स नही करने दिया जाता है और उसके दोषी पाये जाने पर पत्थर से मारा जाना भी कट्टरता है अब चलिए पाकिस्तान को छोड़ दीजिये की वो कट्टर है या नही पत्थर मार कर मौत की सज़ा देना सही या नही में किसी भी चीज़ कों जस्टिफाई नही कर रहा में बस इतना पूछ रहा हु की शादी से पहले सेक्स करना या किसी भी तरह फिजिकल रिश्ते बनाना क्या मॉडर्न होना है? क्या सेक्स न करने को लेकर बनाया गया कट्टरता है? हो सकता है इसमें आप सब की राय अलग हो और और बहुत से लोग इस चीज़ के समर्थन में ही आ जाये क्योंकि ऐसा करने के बाद वो कथित तौर पर लिबरल और फ्रीडम के सिपाही बन जायेंगे लेकिन क्या वो शादी से पहले सेक्स करने की अपनी बेटी को भी इजाज़त देंगे? बहनो को भी ? नही बिल्कुल कोई भी व्यक्तिगत तौर पर ऐसा नही कर सकता है लेकिन  इस बात से लोग मुझ पर सीधे हो जायेंगे।।

बात असल में ये ही है प्रत्येक विवाद और कथित तौर पर मॉडर्न होने का ढोंग बहुत गलत दिशा में जा रहा है बेशक सभी को अपने अधिकारो के लिये अपनी लड़ाई करनी चाहिए लेकिन क्या शादी से पहले सेक्स को अगर आप जस्टिफाई करते हुए कथित मॉडर्न होने के सिद्धान्तो का उल्लेख है तो क्या आप अपनी बेटी या बहन से भी ऐसा कहेंगे? शायद कहदे लेकिन इसके बाद होने वाली संतान का पता कैसे चलेगा की उसका बाप कोन है क्योंकि जिस मॉडर्न समाज की बात हो रही है वहां तो एक के साथ सम्बन्ध भी नैरो माइंड होना है क्यों है न सवाल बहुत है हो सकता है लोगो को चुभ भी जाये लेकिन ज़रा बैठकर आराम से आगे की परिस्थितयां सोचिये ।।।।

#वंदे_ईश्वरम

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