राहुल गांधी का "नेता" बन जाना ....
2013 की बात है आज से लगभग 5 साल पहले की गोवा में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसमे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करते हुए,भाजपा ने अपने तुर्प का इक्का चल दिया था,और तब से लेकर तकरीबन 4 साल तक नरेंद्र मोदी ने वो करके दिखाया जो भारतीय राजनीतिक इतिहास में बहुत कम हुआ है,वह सत्ता के शिखर तक पहुंचे,प्रधानमंत्री बने और इतना ही नही लगातार राज्य-वार भी भाजपा को "अजय" साबित कर दिया । जिसमे "उत्तर प्रदेश", "हरियाणा" से लेकर राजस्थान,मध्य प्रदेश और देश के तकरीबन 19 राज्यों में सत्ता हासिल कराई और इसमें कोई दो राय नहीं है की हर जगह की जीत का श्रेय नरेंद्र मोदी "ब्रांड" ही को गया,और इसके सामने यानि "विपक्ष" में कौन था ? भाजपा की भाषा में कहे तो "पप्पू" राहुल गांधी बस लेकिन.. वक़्त बदलता है। अब ध्यान दीजिए मौजूदा स्थिति पर आज इस घटनाक्रम को यानी मोदी "ब्रांड" को 5 साल के लगभग समय हो गया है और आश्चर्यजनक बात यह है की ठीक पांच साल बाद ही राहुल गांधी को भाजपा के गठबंधन में मौजूद पार्टी शिवसेना कह रह