सिनेमा के सच से दूरी
अब सोचिये आप की कैसे रंगीन दुनिया शाहरुख़ खान बना रहे है? कैसे महज़ फेयर एंड लवली लगाने से जॉब और पैसा मिल रहा है? क्यों आखिर डीडी के चैनल देखना नैरो माइंडेड हो गया या धारावाहि...
यह जो दुनिया में हो रहा है और यह जो दुनिया में होता है यह सब " फज़ीता " ही तो है...