ये मारा एक और ट्रायल...
"अबे वो देशद्रोही है आखिर इत्ता बड़ा न्यूज़ चैनल कह रहा है".... क्यों जी कुछ समझ आया? नही अरे सिंपल तो है। देश का मतलब करोड़ों लोगों का झुण्ड नही होता उसका मतलब होता है एक व्यवस्था में रहना जहा कानून हो,सविधान हो,सरकार हो और मीडिया हो जी हा ये कोई साउथ की फ़िल्म नही है जो हीरो के वाल्क कर जाने भर से देश का विकास हो जाये समाज बन जाए यहा बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत है और उसमें से एक है "मीडिया" लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ होना आम का जूस नही है जो आहा अच्छा है कहकर बात को खत्म किया साहब ये देश की एकता,अखण्डता और मज़बूती का खम्बा है इतना आसान नही है इसका होना ये बहुत बड़ी चीज़ है लेकिन इसका हाल 2016 में क्या है? या पिछले कुछ सालों में क्या है? इसे दलाल,भड़वा,चौथा खम्बा(प्राइवेट लिमटेड) और प्रॉस्टिट्यूट तक कहा जा चूका है क्यों किसी को सपने आ रहे है नही इसकी वजह है.... 9 फरवरी को जेएनयू के प्रंगण में एक कार्यक्रम हुआ जिसमें कथित तौर पर कश्मीर की आज़ादी के नारे लगाये गए,जिसका एक वीडियो देश के बहुत बड़े नही अमीर न्यूज़ चैनल जिसके मालिक बीजेपी के राज्यसभा संसद भी है उसने ये चलाया और तरीका व