भयावह होती छात्र सियासत
हा बिल्कुल सब इस बात में व्यस्त होंगे की एनआईटी में क्या हुआ थोड़े दिन पहले जेएनयू के बारे में भी यही सोच रहे थे और कुछ कथित राष्ट्रभक्तो ने तो खुद ही न्यायलय बन कर फैसला सुनाया था और पुरे के पुरे जेएनयू को देशद्रोही कह दिया था जब से अब तक और अब से लेकर रोहित वेमुला के मुद्दे पर एक ही बात है जो सबसे ज़्यादा चिंता का विषय है और वो है छात्रो का बंट जाना जी हां हमारे देश जे छात्र पूर्ण रूप से बंट चुके है हमारे छात्र हिन्दू-मुस्लिम हो चुके है ,दलित ब्राह्मण हो चुके उत्तर के पश्चिम के हो चुके है और तो और कुछ कथित राष्ट्रभक्तो की माने तो हमारे कुछ छात्र देशद्रोही हो चुके है छात्रो का इस तरह बंट जाना सबसे ज़्यादा भयंकर है और इनके बंट जाने का हो सकता है हमे अब न पता चले लेकिन अगर ये छात्र धोखे से राजनीति में आ जयेंगे तो क्या निष्पक्षता से काम करेंगे?? बात सही या गलत की ही होती और होनी भी चाहिए हम सभी छात्रो की विचारधाराएँ अलग होनी चाहये लेकिन जब देश का नेत्ररित्व करने वाले छात्र इतना नीचे गिर जायेंगे और महज़ एक पोस्ट छात्र अध्यक्ष उपध्यक्ष के लिए पुरे के पुरे कॉलेज को पूरी यूनिवर्सिटी को पुरे शिक