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Showing posts from April 11, 2016

धर्मिकता और यथार्त

अरे बड़बड़ाते हुए कुछ भी बोल लेना या नफरत फ़ैलाने की कोशिश कर लेना लेकिन इतना ज़रूर याद रखना की आपकी नफरत उस रात की तरह है जिसकी सुबह ज़रूर होगी फिर चाहे वो जातिवाद को लेकर हो धर्म ...