Posts

Showing posts from September 30, 2017

मोहर्रम की दसवीं तारीख।

आज मोहर्रम के महीने की दसवीं तारीख है,ये तारीख गवाह है एक ऐसी आवाज़ की जो अव्यवस्था के खिलाफ उठी,जो नाहक़ के खिलाफ उठी और और अव्यवस्था फैलाने वाले नाहक़ के साथ खड़े होने वालों के खिलाफ खड़े होने वालों की,इस तारीख़ को हज़रत इमाम हुसैन(रज़ि)को शहीद कर दिया गया था और इसी तारीख़ को वो नाहक़ के खिलाफ शहीद भी हुए थे, बल्कि अपने मासूम बच्चों की जान की कुर्बानी तक दी थी।लेकिन फिर सवाल ये उठ जाता है कि ऐसा क्यों? क्या सिर्फ हुक़ूमत वो वजह थी? या अपना ज़ाती फायदा? या इससे भी ज़्यादा कोई दुश्मनी?दरअसल ऐसा कुछ नही था जिससे हज़रत इमाम हुसैन को फायदा हो,या उन्हें कुछ हासिल हो,बात असल मे उस कानून की थीं जिसके ख़िलाफ़ उस वक़्त का हुक्मरान यजीद खड़ा था,बस इमाम हुसैन उसी के खिलाफ खड़े थे,यही वजह थी कि वो आवाज़ उठा रहे थे यजीद के खिलाफ और उसके अपने निज़ाम के खिलाफ जो उस पूरे निज़ाम के खिलाफ था जिसमे लोगों की भलाई थी। असल मे जो निज़ाम पैगम्बर मुहम्मद(स.आ.व) ने अल्लाह तालाह के हुक्म से बनाया था,और हज़रत इमाम हुसैन के वक़्त तक चलता हुआ आ रहा था,लेकिन यजीद की हुक़ूमत में इन चीजों में बदलाव लाने की कोशिश की जाने लगी,ज़बरदस्ती की जाने