मोहर्रम की दसवीं तारीख।
आज मोहर्रम के महीने की दसवीं तारीख है,ये तारीख गवाह है एक ऐसी आवाज़ की जो अव्यवस्था के खिलाफ उठी,जो नाहक़ के खिलाफ उठी और और अव्यवस्था फैलाने वाले नाहक़ के साथ खड़े होने वालों के ...
यह जो दुनिया में हो रहा है और यह जो दुनिया में होता है यह सब " फज़ीता " ही तो है...