"आप" ऐसे तो न थे ...
"आप" ऐसे तो न थे ... आम आदमी पार्टी ने बड़े असमंजस पर लगाम लगाकर अपने राज्यसभा के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है . आम आदमी पार्टी के अलावा कोई भी पार्टी होती तो सोच लेते की कोई बात नही जो किया तो किया तो किया मगर "आप" से सवाल किया जाना अहम है | आप से बात करना ज़रूरी है क्यूंकि जो बात पार्टी सिद्धांत और आंदोलनों से होकर गुजरी हो और ऐसे वेसे ही किसी अनजान चेहरे को राज्यसभा भेज देगी और भेज देगी और जिन्हें नज़रंदाज़ करके ये किया गया तो ये तो हिला देने जेसा ही है | आप ने तीन नामों की घोषणा की है पहले है आप के दिग्गज नेता संजय सिंह जिनका नाम दिया जाना आखिर उन्होंने मेहनत बहुत की है लेकिन सवाल बाकी दो नामों पर है जिसमे एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता की उम्मीदवारी तय कर दी है | इस ऐलान के साथ ही सवाल ये है की आखिर अंजान चेहरे को क्यों राज्यसभा भेजा गया? क्यों राज्यसभा जेसी अहम जगह पर पूर्व वरिष्ट पत्रकार आशुतोष,वरिष्ट नेता कुमार विश्वास को अनदेखा किया है | अब "आम आदमी पार्टी" से सवाल ये है की क्यूँ? वो ये बताएं की इतना बड़ा कदम केसे ? केसे वरिष्ट नेताओं को