"राष्ट्रवादिता से मुलाक़ात"

में आज आपसे राष्ट्रवाद के मायने नही पूछ रहा हु, न ही मायने बता रहा हु बस एक स्तिथि बताऊंगा जो शायद आपके सामने बहुत कुछ पेश कर दूंगा.... में कनॉट प्लेस में घुम रहा था, जी हा कनाट प्ल...
यह जो दुनिया में हो रहा है और यह जो दुनिया में होता है यह सब " फज़ीता " ही तो है...