Posts

Showing posts from January 14, 2018

किताबें.

किताबे,पुस्तक और बुक्स इन तीनो ही शब्दों के मायने एक है लेकिन एक है "किताब" जो क़ुरान है,जो गीता है और गुरु ग्रन्थ साहिब है और दूसरी है "पुस्तक" जो किसी भी हिंदी साहित्य के बड़े रचनाकार और पाठक के मुंह से हम सुन सकतें है और तीसरी है "बुक" यानी "दी बुक ऑफ़ एलाई" बाइबिल | आपको लग रहा है ये तो सभी को पता है इसमें बताने वाली क्या बात है ? लेकिन है आप देखिये गिने,तोले और नपे शब्दों के मानिंद बनी और एक जगह कुछ पन्नो में किसी कवर के बीच मौजूद ये किताबे कितनी है जो हर धर्म,विचार और हिसं से लेकर अलग अलग जगहों पर मौजूद है और हमेशा रही है क्यूंकि किताबें ऐसी चीज़ है जो इन्सान को जिंदा रखती है | किताबें इन्सान को जिंदा रखती है इसका मतलब ये नही है उसमे एनर्जी है उनमे प्रोटीन है लेकिन ये किताबें ही है जो "इन्सान" को सलीका देती है ,वरना ऐसी क्या वजह है आज से 1400 साल पहले लिखी गयी एक किताब "क़ुरान" आज भी करोड़ों लोगों को ये बता रही है "तुम सभी इंसान एक ही माँ बाप की औलाद हो और तुममे कोई ऊंच नीच नही है" है न अद्भुत | यह किताब ही तो है