Posts

Showing posts from July 3, 2016

इरफ़ान ,बयान और सवाल.

Image
किसी भी मामले को तोड़ मरोड़ कर पेश करना या उसका अपनी तरह इस्तेमाल करने का खेल आजकल मुख्य रूप से फेसबुक और ट्विटर पर चल रहा है,और मामले इतने संजीदा हो जाते है इनका संप्रद्यिकरण तक किया जाता है,और इस बार निशाने पर है इरफ़ान खान का बयान आइये उस पर कुछ जानते है।। इरफ़ान खान ने अपने बयान सालाना क़ुरबानी को लेकर दिए गए बयान में कहा की "क़ुरबानी का मतलब महज़ 2 बकरें लाकर कुर्बान करना और उन्हें खाया जाना नही है बल्कि उसका मतलब है अपनी अज़ीज़ चीज़ को कुर्बान करना है,और क़ुरबानी का मतलब समझ कर क़ुरबानी करना है और गरीबों को अपनी क़ुरबानी का मांस बांटे" ये कुछ बातें बिलकुल उस असल धारणा से जुडी है जो इस्लाम की है। इरफ़ान खान हो या अलग कोई खान हो जो भी एक पैटर्न से हटकर बोलता है उसपर एक भीड़तंत्र वाले डंडा लेकर चढ़ जाते है और तैयार हो जाते है अभी इसकी गर्दन तोड़ देंगे फिर आप बताइये कोन सी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की बात करते है आप? जब उस में धर्म,कथित राष्ट्रवाद और जाति आ जाती है।। हाल ही में आये कई बयानात में 2 बात एक सी है और वो ये हैं की इन तीनों के बयानात को न ठीक से पढ़ा गया न ठीक से जाना गया और न