पत्रकरिता

घटना और उसकी पड़ताल फिर उसे तटस्थ तरह से तमाम लोगो तक पहुँचाने को पत्रकारिता कहते है अब आप मुझे फिक्की की रिपोर्ट पढ़ने को कहे सीनियर बन जाने को कहे या और किताबें पढ़ने को कहे म...
यह जो दुनिया में हो रहा है और यह जो दुनिया में होता है यह सब " फज़ीता " ही तो है...