मुस्लिम सियासत और "मुस्लिम समाज"
एक राजनीतिक पार्टी में मुस्लिम नेता मतलब? कुछ आधार उसका? उसका अहमियत उसकी? चलिये वो अलग बात मगर एक राजनीतिक दल में मुसलमान का होना "मुस्लिम नेता" होना नही है,वहां वो एक दल के लिए मुस्लिमों के लिए नेता नही है,वहां वो बस एक ऐसा नेता है जो किसी भी राजनैतिक दल में एक "मुस्लिम" मात्र है । जो किसी भी राजनैतिक दल में मुस्लिम समाज से आया हुआ है सिर्फ "राजनीतिक" अहमियत के लिए है। इसका सीधा सा मतलब महज़ ये है कि राजनीतिक दल, "सेक्युलर दल" किसी भी ऐसे नेता को अपनी पार्टी में नही लेतें है जो मुस्लिम समाज के "पिछड़ेपन" की बात करें,उसकी समस्या की बात करें और सत्ता में मौजूद पार्टी से न तो सवाल कर सकें और न मांग कर सकें बस वो वहां पर "मुस्लिम प्रतिनिधित्व" के नाम पर आया है । इसी काम को बखूबी लगभग हर एक नेता निभाता भी है,वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी मुस्लिम नेताओं के बारे में कहते है कि "राजनैतिक दलों को सिर्फ ऐसे मुस्लिम नेता चाहिए जो बस दो बार मुंह खोलें एक पान खाने के लिए दूसरा पान थूकने के लिए" और ये बात हूबहू बिल्कुल सही सिद्ध