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Showing posts from August 20, 2016

शहनाई के "उस्ताद" बिस्मिल्लाह...

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"यहां गंगा है,यहा बाबा विश्वनाथ है,यह हमारे खानदान की कई पुश्तों ने शहनाई बजाई है, अब हम क्या करें मरते दम तक न तो शहनाई छूटेगी और न काशी"(नोबतखाने में इबादत) उस्ताद ज़िंदगी के ,उस्ताद शहनाई के और उस्ताद गंगी जमुनी तेहज़ीब के, आज ही के दिन बिस्मिल्लाह खां साहब का इंतेक़ाल हो गया था, और ये शख़्सियत उन अज़ीम शख़्सियतों में से एक थी जो "विभाजन" को झेल चुके थे और साम्प्रदायिक शक्तियों की जुबां पर ताला डालने का काम करते थे. बिस्मिल्लाह साहब से कभी मुलाक़ात नही हो पायेगी इस बात का दुःख है  लेकिन हां इनसे पहली कथित मुलाक़ात 8वीं क्लास के एक पाठ "नोबतखाने में इबादत" में हुई. उस वक़्त उस्ताद साहब को हम नही जानते थे , बस इतना पता था की ये भारत रत्न है, लेकिन आज पता चलता है की शहनाई का जादूगर आखिर था कोन... अपने नाना को शहनाई बजाते देखने के बाद शहनाई का शौक़ अपनाने वाले उस्ताद साहब बस मोहर्रम के वक़्त चुप हो जाते थे,और 8 दिनों तक शहनाई को हाथ तक नही लगाते थे,लेकिन जब 9 वें दिन ग़मी की शहनाई बजाते  थे बहुत रोते थे, हज़रत इमाम हुसैन को याद कर... बिस्मिल्लाह साहब की हैसियत वो थी

अब भी नही समझ पाये....

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में कुछ बताना चाहता हु,और पूछना भी चाहता हु और इस बात को बिलकुल भी ज़रूरी न समझे क्योंकि पिछले 500 साल से करते हु भी यही आये हो, जो में बताना चाहता हु वो भी कुछ ख़ास नही है और होगा भी क्यों ये कोई तफ़रीह की चीज़ तो है ही नहो और काम की तो बिलकुल है ही नही... आज से 500 साल पहले ताज महल बनवाया गया था,जिसे मोहब्बत की निशानी के नाम से तमाम दुनिया में जाना जाता है और भारत में आया हुआ हर विदेशी उसे बिना देखें जा भी नही सकता है लेकिन क्या 500 साल पुराने भारतीय इतिहास और उसमे शाहजहाँ जेसे बाशऊर बादशाह का ये कदम आपकों बेहतर लगता है? नही नही बादशाह से डरते हुए नही सोच कर बोलिये... कही से भी तार्किक नही लगेगा,क्योंकि जिस ऐतिहासिक परिदृश्य में शाहजहां बादशाह था और कम से वो अपने समुदाय से वाकिफ़ भी था ,उसे एक बहतरीन यूनिवर्सिटी का निर्माण कराना चाहिए था. में इतिहास का छात्र नही हु लेकिन इतना जानता हु की उस समय भी सिर्फ ब्राह्मण शिक्षकों द्वारा ही शिक्षा दी जाती थी जिसमे दलित पढ़ाई नही कर सकते थे, और अधिकतर मुस्लिम समाज में पढ़ाई का घर पर इंतेज़ाम होता था तो फिर क्या ये कदम उचित नही था? शायद उचित न लगा रहा