विरोध,फिल्म और बॉलीवुड
भारत बड़ा देश है अलग अलग लोग,अलग रीती रिवाज़ और अलग अलग मर्जियां और अलग अलग इतिहास आब इसी अलग अलग में सब अलग है इतिहास भी कब किसी ने किसी ने किसी को कहा हराया हो या कहा कोंन हारा हो ये सब बड़ा मिला जुला सा रहता है, अब ये देश जो है "भावनाओं" का देश है, यानी भारत में कब किसकी कहा और क्यों भावनाए आहत हो जाएँ,मालूम ही नही चलता,किसी बात से ,किसी किताब से और कब किस "बयान" से भावना आहत हो जाएँ मालूम नही चलता और अब तो बात फिल्मों तक आ गयी है | फिल्मे हमे जोडती है,हमे उनमे सब कुछ अपना सा लगता है ,ये हमे अलग अलग पहलुओं से रूबरू कराती है और यही बात है की उनकी अहमियत भी बहुत है लेकिन ये अहमियत जब शक के घेरें में आ जाती है जब ये "विवाद" में पड़ जाती है,नया नया विवाद है फिल्म "पद्मावत" का जिसका नाम पहले पद्मावती था जिसे तब्दील कर "पद्मावत" किया गया है,लेकिन विरोध है की शांत ही नही हो रहा है,एक तरफ करनी सेना है तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट का बयान है | गौरतलब है की मशहूर फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने ये फिल्म बनाई थी,लेकिन पिछले वर्ष दिसम्बर में रिलीज़ ह