फर्ज़ी राष्ट्रवाद
मेरे लिए राष्ट्रवाद के मायने बहुत कुछ है, इतने है की इस पर में जितना लिख दू या बोल दू तो वो कम है . क्योंकि ये मेरे देश का मामला है,अब से नही बचपन से लेकर आज तक राष्ट्रवाद एक ऐसी चीज़ रही है,जिसे हमेशा से पसन्द करता आया हु लेकिन इसके कई मायने है।। मेरे लिए राष्ट्रवाद शब्द का असल में कोई मामला ही नही है क्योंकि मुझे इस शब्द का मतलब कभी पता ही नही था. लेकिन पल वो आज भी याद है ,जब मेरे माँ बाप ने साथ बिठाकर दूरदर्शन देखते हुए बताया था की "बेटे आज देश आज़ाद हुआ था सभी आज के दिन ख़ुशी मनाते है" राष्ट्रवाद क्या होता है मुझे आज तक नही पता और न ही पता करना है। मेरे लिए राष्ट्रवाद वो होता था जब मेरे स्कुल में राष्ट्रगान पर बड़ी इज़्ज़त के साथ सीढे खढे होना होता था, जब 15 अगस्त या 26 जनवरी के मौक़े पर झंडे को लहरते हुए देखना था और राष्ट्रगान पढ़ना होता था और उस मौके के बाद रोम रोम सिहर उठता था,एक अजीब सा जोश दिल में रह जाता था और वो मौका बहुत ख़ुशी का होता था। अगर बात आज के राष्ट्रवाद की करे या जो हाल ही में चल रहा है या उसकी करें जो मेने महसूस किया था तो दोनों में एक फ़र्क़ है. बड़ा फ़र्क़ जो शा