आप चुप क्यों है ?
सामाजिक योद्धा,साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ने वाले और सबसे पुराने "समाजवादी" और चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहें और देश के रक्षा मंत्री आदरणीय मुलायम सिंह यादव जी आखिर चुप क्यों है? क्या वजह है ? क्या बात है ऐसी जो वो चुप है? क्यों कुछ नही बोल रहें है देश की यथास्थिति पर? और बोलें तो क्या उससे भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाजपा और एनडीऐ के राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा होते ही फौरन ही उनके समर्थन का ऐलान कर दिया,अरे क्यों साहब क्या वजह है क्या वजह है बकौल आपके "सांप्रदायिक शक्ति" को आप समर्थन कर रहें है? वो भी मीरा कुमार जेसे बड़े नाम के होते हुए भी ?
जवाब कही से मिल नही रहा है और तो और लगभग दो धडों में बंटी सपा का अखिलेश धड़ा भी रामनाथ कोविंद को समर्थन का ऐलान कर गया और चुप सा हो गया,ये सब हो क्या रहा है ?आखिर क्यों ऐसा हो रहा है की सम्प्रद्यिक ताकतों से लड़ने वाले "नेता जी: और उनके सुपुत्र तक भी आज भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार के साथ खड़े है? कोई माकूल जवाब तो है नही बस बात ये है की कोई शायद दुखती रग है जिसे दबने देना नही दिया जा सकता है और इसीलिए शायद इतने हंगामे इतने मसले और इतनी मौतों से लेकर तमाम अव्यवस्था होने के बावजूद भी समर्थन "भाजपा" का हो रहा है |
खैर ये तो चलता रहता है दूसरा मसला सुनियें की तमाम मुल्क में "नोट इन माय नेम" के बड़े आन्दोलन जन्तर मन्त्र के घेराव के बाद भी सपा का कोई भी पक्ष सामने आया ही नही,कोई टिप्पणी सामने आई ही नही,कोई विरोध सामने आया ही नही और तो और एक बार भी अपने "विपक्ष" होने के बावजूद भी एक भी फ़र्ज़ का बोझ भी नही उठाया है,अच्छा ये भी हो सकता है की बिज़ी हो बड़े लोग है,व्यस्तता हो सकती है,मगर "सपाई" कहा है वही जो "अखिलेश भैया" के साथ रहने की कसमे खाते ठ वो कुछ कर रहें है क्या विरोध प्रदर्शन,धरना या मार्च वगेराह कुछ? नही हाँ ये हो सकता है की सफ़ेद कुरते की फ़िक्र ज्यादा हो मैला न हो जाएँ,वो ज़रूरी भी है लेकिन बेगुनाह मौतों का क्या? परेशान होती जनता का क्या?और आपको सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने वाला समझने वालों का क्या? "भीड़" में में मारे गये जुनैद,पहलु और न जाने कितनो का क्या?
अंत में ये बात यानी कुछ सवाल रह जाते है की जब आप का जन्म साम्प्रदायिक ताकतों विरुद्ध लड़ने के लिए हुआ है तो बदल क्यों गये आप? और अगर बदल गये है तो क्या आपने सभी से ये बताया है? और भाजपा की सरकार का इस स्थिति में होने के बावजूद उसका राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन क्यों? और समर्थन है तो आप सेकुलर दल क्यों? और ये सवालात "नेता जी" "टीपू भैया" और "आज़म खान" के अलावा हर एक सपाई और सपा को सेकुलर मसीहा घोषित करने वाले सपा समर्थक और विचार रखने वालों से है और हाँ इन सवालों के बाद एक चीज़ तय हो जाएगी की या तो आप "सेकुलर" है या नही है बीच का कोई रास्ता आप इस बार चुन नही पायेंगे पता है क्यूँ ,क्यूंकि अब वक़्त नही है आपके पास तो दीजिये जवाब.....क्यूंकि जनता आपसे जवाब मांग रही है ..
असद शैख़
जवाब कही से मिल नही रहा है और तो और लगभग दो धडों में बंटी सपा का अखिलेश धड़ा भी रामनाथ कोविंद को समर्थन का ऐलान कर गया और चुप सा हो गया,ये सब हो क्या रहा है ?आखिर क्यों ऐसा हो रहा है की सम्प्रद्यिक ताकतों से लड़ने वाले "नेता जी: और उनके सुपुत्र तक भी आज भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार के साथ खड़े है? कोई माकूल जवाब तो है नही बस बात ये है की कोई शायद दुखती रग है जिसे दबने देना नही दिया जा सकता है और इसीलिए शायद इतने हंगामे इतने मसले और इतनी मौतों से लेकर तमाम अव्यवस्था होने के बावजूद भी समर्थन "भाजपा" का हो रहा है |
खैर ये तो चलता रहता है दूसरा मसला सुनियें की तमाम मुल्क में "नोट इन माय नेम" के बड़े आन्दोलन जन्तर मन्त्र के घेराव के बाद भी सपा का कोई भी पक्ष सामने आया ही नही,कोई टिप्पणी सामने आई ही नही,कोई विरोध सामने आया ही नही और तो और एक बार भी अपने "विपक्ष" होने के बावजूद भी एक भी फ़र्ज़ का बोझ भी नही उठाया है,अच्छा ये भी हो सकता है की बिज़ी हो बड़े लोग है,व्यस्तता हो सकती है,मगर "सपाई" कहा है वही जो "अखिलेश भैया" के साथ रहने की कसमे खाते ठ वो कुछ कर रहें है क्या विरोध प्रदर्शन,धरना या मार्च वगेराह कुछ? नही हाँ ये हो सकता है की सफ़ेद कुरते की फ़िक्र ज्यादा हो मैला न हो जाएँ,वो ज़रूरी भी है लेकिन बेगुनाह मौतों का क्या? परेशान होती जनता का क्या?और आपको सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने वाला समझने वालों का क्या? "भीड़" में में मारे गये जुनैद,पहलु और न जाने कितनो का क्या?
अंत में ये बात यानी कुछ सवाल रह जाते है की जब आप का जन्म साम्प्रदायिक ताकतों विरुद्ध लड़ने के लिए हुआ है तो बदल क्यों गये आप? और अगर बदल गये है तो क्या आपने सभी से ये बताया है? और भाजपा की सरकार का इस स्थिति में होने के बावजूद उसका राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन क्यों? और समर्थन है तो आप सेकुलर दल क्यों? और ये सवालात "नेता जी" "टीपू भैया" और "आज़म खान" के अलावा हर एक सपाई और सपा को सेकुलर मसीहा घोषित करने वाले सपा समर्थक और विचार रखने वालों से है और हाँ इन सवालों के बाद एक चीज़ तय हो जाएगी की या तो आप "सेकुलर" है या नही है बीच का कोई रास्ता आप इस बार चुन नही पायेंगे पता है क्यूँ ,क्यूंकि अब वक़्त नही है आपके पास तो दीजिये जवाब.....क्यूंकि जनता आपसे जवाब मांग रही है ..
असद शैख़
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