टोटली जय

सारी विवादित चिंताओं से परे एक बूढी और बेहद कमज़ोर महिला को जब आज देखा तो समझ कुछ नही आया क्योंकि उसके हालात ये थे की वो फूलो को माला (जो शायद उसने खुद ही बनाई थी) ज़बरदस्ती गाडियो में डाल रही थी लेकिन एक भी खरीददार नही था और जब उसने एक गाडी में माला डाली तो गाडी मालिक समेत बेठे किसी भी शख्स उसकी तरफ देखा भी नही और वो गाड़ी के पीछे भागने लगी तभी गाड़ी से वो माला उस बूढी औरत पर फ़ेंक दी गयी और वो औरत अपने दुबले बदन और झुर्रियों से भरे चेहरे के साथ शायद भूखी भी हो वापस हट गयी लेकिन उस बूढी और कमज़ोर औरत ने भीख नही मांगी तब मुझे ख्याल आया की ये कोंन है और दिल से आवाज़ आई की यही "भारत माता" है क्योंकी ये औरत न तो देश से झूट बोल रही है और न ही देश को खोखला कर रही है और हिन्दू मुसलमानो को तो बाँट ही नही रही और इसकी जय कहने में कम से कम मुझे कोई समस्या नही है क्योंकि ये देश के लिए जी रही है और मेहनत से अपना पेट आधा ही सही भर रही है।

और रही बात असदउद्दीन साहब, भगवत साहब , योगी जी और महाराष्ट्र के तमाम नेताओ समेत उन लोगो की जो ज़बरदस्ती किसी से भी भारत माता कहलाना चाहते है या  की  उन लोगो की जो ज़बरदस्ती  कर रहे हो की नही बोलना भारत माता की जय तो पूरी हिम्मत से कहता हु न तो किसी के कहने से भारत माता की जय तो में तो बिलकुल नही बोलूंगा और रही बात जय कहने की तो उस भारत माता की जय ज़रूर बोलूंगा जिसे मेने देखा क्योंकि वो सच में देश के लिए कुछ कर रही है और ज़बरदस्ती न करना साहब क्योंकि ज़बरदस्ती से तो हम खुदा की इबादत नही करते तो कोई नारा लगाना तो छोटी सी बात है ।।।।।

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