मुखोटा

ये किताब हो सकता है आपको आम सी नज़र आ रही होगी मगर जब आप इस किताब को पढ़ेंगे तो आप इसको ख़ास से भी ऊपर दर्जा देंगे इस किताब में धर्म,आलोचना,साम्यवाद,पूंजीवाद ,राष्ट्रवाद और विपक्ष् से लेकर समाज तक सभी के ऊपर इतनी ही ईमानदारी से लिखा है की मानो ये लेखक आशुतोष से जुडी चीज़े हो या यु कहे इस किताब में लिखे लेखो ने और इस किताब में लिखी सच्चाइयो ने पत्रकारिता का हक़ अदा कर दिया और जो जो भी छात्र लिखने और पढ़ने की दुनिया से जुड़ना चाहता है वो इस किताब को ज़रूर पढ़े क्योंकि ये किताब सच के तराज़ू पर तुलकर सभी पर भारी पड़ती है।।।।

#वंदे_ईश्वरम

Comments

Popular posts from this blog

शहीदी के मायने

#Metoo महज़ सवाल नही है यह आईना है...

क्या हमें फर्क पड़ना बन्द हो गया है.?